विकास कार्यों के लिये ग्राम पंचायतों को कहाँ-कहाँ से मिलता है फंड -
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ग्राम पंचायत ग्राम की सरकार होती है।अपने गाँव के विकास के लिये एक जिम्मेदार संस्था होती है।ग्रामपंचायत अपनी आवश्यकतानुसार अपने गाँव के विकास की रूपरेखा तैयार करती है तदुपरांत सरकार ग्राम पंचायतों को फंड प्रदान करती है।सरकार के अतिरिक्त ग्राम पंचायत के पास भी एक फंड होता है जिसे ग्राम निधि या गांवनिधि कहते हैं।
आइये हम एकएक कर उन सभी फंडों की बात करेंगे जिनके द्वारा ग्रामपंचायत अपने गाँव मे विकास कार्य करती है और हम यह भी जानेंगे कि यह फंड ग्राम पंचायतों को कहाँ से प्राप्त होते हैं।
1. ग्रामनिधि या गांवनिधि-
उत्तर प्रदेश पंचायती राज अधिनियम, 1947 की धारा 32 में 'प्रत्येक ग्रामपंचायत के लिये ग्रामनिधि होगी' का उल्लेख किया गया है।
ग्रामनिधि ग्राम पंचायत की संचित निधि होती है जिसका उपयोग ग्राम सभा अथवा ग्राम पंचायत अथवा उसकी सम्पत्ति पर आरोपित किये गए कार्यों दायित्वों के निर्वहन में ग्राम पंचायत द्वारा किया जाता है।
भूमि प्रबधं समिति द्वारा भी ग्राम निधि का उपयोग अपने कर्तव्यों के निर्वहन के लिये किया जाता है।
ग्रामनिधि में धनराशि कहाँ से आती है -
ग्रामनिधि में निम्नलिखित स्रोतों से धनराशि जमा होती है
- पंचायतीराज अधिनियम 1947 के अधीन ग्राम पंचायत द्वारा लगाये गए करों की आय ग्राम निधि में जमा होती है।
- राज्यसरकार द्वारा ग्रामपंचायतों को दी गई धनराशि ग्राम निधि में जमा होती है।
- राज्यसरकार द्वारा अपनी संचित निधि से दी गई सहायत अनुदान राशियां ग्राम निधि में जमा होती है।
- ऐसी समस्त राशियां जो राज्य सरकार किसी विशेष या सामान्य अवसर पर ग्रामनिधि को देती है ,ग्राम निधि में जमा होती हैं।
- न्यायालय अथवा किसी कानून द्वारा निर्धारित वे समस्त राशियां जिन्हें ग्राम निधि में जमा करने को आदेशित किया गया हो ,ग्रामनिधि में जमा होती हैं।
- ऋण अथवा दान के रूप में मिली धनराशि ग्राम निधि में जमा होती है।
- ग्रामपंचायत द्वारा अपने क्षेत्र में लगने वाले बाजारों ,हाटों व मेलों से प्राप्त कर आय ग्राम निधि में जमा होती है।
- ग्राम पंचायत द्वारा धूल ,गन्दगी, कूड़ा-करकट ,गोबर तथा मृत पशुओं की बिक्री से प्राप्त धनराशि भी ग्राम निधि में जमा होती है।
- पंचायती राज अधिनियम 1947 की धारा 104 के अधीन ग्राम पंचायत को प्राप्त धनराशि भी ग्राम निधि में जमा होती है।
- कुल मिलाकर ग्राम पंचायत की समस्त चल अचल परसम्पतियो से प्राप्त आय ग्राम निधि में ही जमा होती है।
ग्रामनिधि का संचालन ग्राम प्रधान व सेक्रेटरी द्वारा संयुक्त रूप से किया जाता है
ग्रामपंचायत ग्रामनिधि फंड का इस्तेमाल कर अपने कार्यक्षेत्र में तमाम विकास कार्यों का क्रियान्वयन करती है।
2.केन्द्रीय वित्त आयोग व भारत सरकार द्वारा ग्रामपंचायतों को फंड प्रदान किया जाना -
14 वें तथा 15 वें वित्त आयोग द्वारा ग्राम पंचायतों को फंड प्रदान किया जाता है ।प्रत्येक वित्त वर्ष वित्त आयोग द्वारा एक बहुत बड़ा फंड पंचायत को उपलब्ध कराया जाता है ताकि ग्रामपंचायते सुचारू रुप से विकासकार्य कर सकें।
साथ ही भारत सरकार प्रति वित्त वर्ष महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण गारंटी एक्ट (मनरेगा) के तहत भी ग्रामपंचायतों को एक बहुत बड़ी धनराशि उपलब्ध कराती है
एक आकलन के अनुसार प्रतिवर्ष मनरेगा के तहत एक ग्रामपंचायत को 10 से 15 करोड़ की धनराशि प्रदान की जाती है
इसके अतिरिक्त भारत सरकार द्वारा अन्य तमाम सामाजिक योजनाओं द्वारा भी ग्रामपंचायतों को धनराशि प्रदान की जाती है जैसे-
प्रधानमंत्री आवास योजना
स्वछ भारत मिशन ( ग्रामीण )
3.राज्य वित्त आयोग व राज्य सरकार द्वारा ग्रामपंचायतों को फंड प्रदान किया जाना -
चौथे व पाँचवें राज्य वित्त आयोग द्वारा प्रति वित्त वर्ष ग्राम पंचायतों को फंड प्रदान किया जाता है।राज्य वित्त आयोग द्वारा प्रति वित्त वर्ष तीन बार ग्राम पंचायतों फंड प्रदान किया जाता है।
इसके साथ ही राज्य सरकार समय- समय पर सामान्य व विशेष अवसरों में ग्राम पंचायतों को फंड प्रदान करती हैं व राज्य संचालित योजनाओं के तहत भी ग्राम पंचायतों को फंड प्रदान किया जाता है।
साथ ही भारत सरकार की योजनाओं में राज्य सरकार की हिस्सेदारी के अंतर्गत राज्य सरकार ग्राम पंचायतों को फंड प्रदान करती हैं।
इस प्रकार हमने देखा कि ग्राम पंचायतों को अपने विकास कार्यों के लिए ग्राम निधि, राज्य वित्त आयोग ,केंद्रीय वित्त आयोग और सरकार की अनेक जनकल्याणकारी योजनाओं के तहत धनराशि प्रदान की जाती है।इस धनराशि का उपयोग ग्राम पंचायत द्वारा विभिन्न योजनाओं के अंर्तगत अपने गाँव के विकास के लिए किया जाता है।
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