हमारी पंचायत आदर्श ग्राम पंचायत कैसे बने

एक ग्राम पंचायत आदर्श ग्राम पंचायत कैसे बनेगी - 

 किसी ग्राम पंचायत को आदर्श ग्राम पंचायत बनाने के लिये नेतृत्व ,स्थानीय समुदाय की भागीदारी, सरकारी योजनाओं के बीच ताल- मेल ,निजी क्षेत्र और स्वैच्छिक संघठनो का सहयोग जरूरी होता है।जबतक इनके मध्य एक समन्वय नहीं होगा तबतक एक आदर्श ग्राम पंचायत की संकल्पना साकार नहीं हो सकेगी।

नेतृत्व -

नेतृत्व के गुण ,क्षमता ,प्रतिबद्धता और उसकी ऊर्जा एक ग्राम पंचायत को आदर्श ग्राम पंचायत बनाने में महत्वपूर्ण घटक हैं।

समुदाय -

जनभागीदारी,ग्रामीण विकास योजना को भागीदारपूर्ण तरीके से तैयार करना ,श्रमदान एवं जागरूकता बढ़ाने सम्बन्धी कार्य करने में समुदाय का महत्वपूर्ण योगदान होता है।

सरकारी योजनाएं-

जनता की भावनाओं और स्थानीय क्षमता के अनुरूप समग्र विकास हासिल करने के लिये निजी एवं स्वैच्छिक पहलों के साथ विभिन्न के केंद्र एवं राज्य परिवर्तित योजनाओं के साथ तालमेल बिठाना एवं ग्रामीणो में स्व विकास हेतु जागरूकता बढ़ाना।

निजी क्षेत्र एवं स्वैच्छिक संघठन -

सी एस आर अर्थात कारपोरेट सामाजिक दायित्व का एवं स्वैच्छिक संघठनो का  गाँव के उत्थान के लिए  सहयोग प्राप्त करना।

आदर्श ग्राम पंचायत क्या होती है -

राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के अनुसार एक आदर्श ग्राम इस प्रकार होगी कि वह पूर्णतया स्वच्छ हो,गाँव के रास्तों व गलियों में कोई धूल-मिट्टी नही होगी।गाँव मे आवश्यकता अनुसार कुएं होंगे और उनका जल सभी के लिये उपलब्ध होगा।गाँव मे सभी के लिये प्रार्थना स्थल होगा।सार्वजनिक बैठक स्थल ,पशुओं के लिये सार्वजनिक चारागाह ,सहकारी डेयरी ,प्राथमिक एवं माध्यमिक स्कूल होंगे जिनमे उद्यौगिक शिक्षा मुख्य घटक होगी और इस गाँव मे विवादों के समाधान के लिये पंचायतें होंगी।गाँव के लिये सब्जियां ,फल ,खाद्यान्न  और खादी का उत्पादन गाँव मे ही होगा।मोटे  तौर पर आदर्श गाँव के प्रति मेरा विचार तो यही है।


    वास्तव मे  एक आदर्श ग्राम पंचायत उस ग्राम पंचायत को कहा जा सकता है जो 73 वें संविधान संशोधन द्वारा प्राप्त 29 विषयों  को ध्यान में रखकर जनसहभागिता ,जनभागीदारी और ग्राम सभा की सहमति के आधार पर ग्राम पंचायत के सभी वर्ग के लोगों का चहुमुखी विकास करें।

एक आदर्श ग्रामपंचायत के मानदंड -

  • जहाँ लोग स्वस्थ हों।पर्यावरण के प्रति जागरूक हों।गाँव की सरकार में उनकी भूमिका सिर्फ वोटर या लाभार्थी तक ही न हो बल्कि एक जागरूक नागरिक के रूप में हो।

  • गाँव नशामुक्त हो।गाँव मे किसी प्रकार का कोई भी नशा न हो ।जब युवा नशा जैसी गम्भीर बीमारी से दूर रहेंगे तो वह अपने गाँव की समृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान करेंगे।

  • गाँव मे कोई हाँथ बेकार न हो अर्थात गाँव मे स्वरोजगार के तमाम अवसर हों।

  • बच्चे स्कूल जाते हों गांव का कोई भी बच्चा ऐसा न हो जो स्कूल न जाता हो ।गाँव के सभी बच्चे स्कूल जाते हों।

  • सरकार ने बच्चों के लिये सात टीके के अनिवार्य किये हैं इसलिये गाँव के सभी बच्चों का अनिवार्य टीकाकरण होना चाहिए।क्योंकि बच्चे देश का भविष्य हैं यदि बच्चे स्वस्थ रहेंगे तो गाँव भी स्वस्थ एवं समृद्ध रहेगा ।

  • जहाँ कोई बच्चा कुपोषित न हो।

  • जहाँ किसी भी प्रकार भेदभाव न हो, छुआ छूत न हो और किसी प्रकार का ऊंच न हो।

  • जहाँ साफ सफाई हो एवं पेयजल की उपलब्धता हो।
  • ग्राम पंचायत में ग्राम सभा की नियमित बैठक होती हो,बैठक में गाँव के लोग नियमित रूप से सभी भाग लेते हों।कोरम  की पूर्ति हो।

  • ग्राम में सभी के पास शौचालय हो कोई भी घर ऐसा न हो जो खुले में  शौच जाता हो।गाँव सौ प्रतिशत शौचालय युक्त होना चाहिए।

  • ग्राम अतिक्रमण मुक्त होना चाहिये एवं इको फ्रेंडली होना चाहिए।

  • गाँव कुरीतियों से मुक्त होना चाहिए ।गाँव मे अंधविश्वास का कोई स्थान नही होना चाहिये।

  • गाँव मे सौहार्दपूर्ण वातावरण होना चाहिये।गाँव मे किसी विवाद का हल गाँव में ही पंचायत द्वारा हल कर लिए जाना चाहिये।

  • गाँव मे संचार और संवाद की उचित व्यवस्था होनी चाहिये।

  • गाँव मे सभी को उनकी आजीविका के लिये क्षमता के अनुसार रोजगार के साधन उपलब्ध होना चाहिये व न्यूनतम मजदूरी प्राप्त होनी चाहिए।

  • गाँव के लोगों को कौशल विकास कार्यक्रम के लाभ प्राप्त हो।

  • गाँव मे शासन की समस्त जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ सबसे पहले गरीब और पात्र को मिलना चाहिए।

  •  गाँव मे महिलाओं एवं बेटियों के लिए निर्भय मुक्त वातावरण होना चाहिए।

  • गाँव मे बायोगैस  व अक्षय ऊर्जा स्रोत से सम्बंधित टेक्नोलॉजी होनी चाहिए।

  • गाँव मे शतप्रतिशत स्वयं सहायत समूह होने चाहिए।

  • जहाँ स्वास्थ्य केंद्र की उपलब्ध हो। बैंक एवं ए टी एम की व्यवस्था हो। इंटरनेट कनेक्टिविटी की सुविधा हो।इ पंचायत की व्यवस्था हो।

  • गाँव मे बच्चों के खेलने के लिए खेल के मैदान की व्यवस्था हो।

  • गाँव मे गौशाला हो।

  • कांजी हाउस की व्यवस्था हो।

  • गाँव मे वाचनालय ,पुस्तकालय व व्यायामशाला की व्यवस्था होनी चाहिए।

  • गाँव मे सभी धर्मो के मानने वालों के लिये उनके उनके धर्मानुसार पवित्र स्थान होना चाहिये।

  • गाँव मे अंतिम संस्कार के लिये उचित स्थान होना चाहिए।

यदि कोई ग्राम पंचायत उपर्युक्त मानदंडों में से 80 प्रतिशत मानदंडों पर खरी उतरती है तो वह आदर्श ग्राम पंचायत बन सकती है।इसके  अतिरिक्त बुनियादी ढांचा जो समृद्धि और विकास का द्योतक है।बुनियादी ढांचा ही किसी समाज या राष्ट्र की प्रगति का मार्ग होता है।एक ग्राम पंचायत के आदर्श पंचायत बनने के लिये  बुनियादी ढांचे का बेहतर होना आवश्यक है।

भारत की आदर्श ग्राम पंचायत जानने के लिए नीचे क्लिक करें -

भारत की आदर्श ग्राम पंचायतें 




 




Previous
Next Post »